सत्तर के दशक की फिल्म लाल पत्थर के कुछ गीत अक्सर सुनवाए जाते हैं पर रेडियो से यह गीत बहुत दिनों से नही सुना।
राखी पर फिल्माए गए इस गीत को आशा भोंसले ने गाया हैं। इस गीत में हल्का सा शास्त्रीय पुट हैं। वैसे इस गीत के कुछ बोल ठीक से समझ में नही आते पर सुनने में अच्छा लगता हैं।
इस गीत के जो बोल मुझे याद आ रहे हैं वो हैं -
सूनी-सूनी आसुंओं की धार ---- सपनों की --------
एक गीत सुना रही हैं जिन्दगी एक गीत गा रही हैं जिन्दगी
पता नहीं विविध भारती की पोटली से कब बाहर आएगा यह गीत…
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