पिछले शनिवार यानि दिपावली और वि. स. हिन्दु नये साल के दिन रेडियो प्रसारक की हेसियत से विषेष रूप से रेडियो सिलोन यानि श्रीलंका ब्रोडकास्टींग कोर्पोरेसन की हिन्दी सेवा के लिये एक जबरजस्त नीव डालने वाले और श्री गोपाल शर्माजी के भी एक हद तक़ पथ-दर्शक रहे श्री विजय किशोर दूबेजी करीब 85 साल की आयु के बाद इस दुनिया को छोड कर चल दिये, इसके सर्व प्रथम समाचार पुणे के श्रोता श्री गिरीष मानकेश्वरजीने दिये जिसे बादमें श्री गोपाल शर्माजीने समर्थन दिया । मैनें उनको रेडियो सिलोन के सजीव प्रसारक के रूपमें कभी नहीं सुना था, जिसकी वजह यही थी, कि उनके 1956 में ही श्रीलंका छोडने के बाद मेरी रेडियो श्रवण यात्रा 3 अक्तूबर, 1957 से आरम्भ हुई थी । पर उसके बाद करीब 1961में एक फिल्म फ़ेअर एवोर्ड्स वितरण के समारोह की ध्वनि-मूद्री जो सिलोन से प्रसारित हुई थी, उसमें सुना था, बादमें उन्होंने एक साथी के साथ मिल कर फिल्म आशिक का निर्माण किया था और बादमें एच एम वी -इन्डीया का कार्यभार सम्हाला । और कितने सालोंसे निवृत थे । नीचे देख़ीये और सुनिये उनको बोलते हुए जो क्लिप श्री गोपाल शर्माजी की आत्म-कथा आवाझ की दुनिया के दोस्तों के विमोचन समारोह का एक अंश है ।
भगवान उनकी आत्माको शान्ती दे ।
पियुष महेता ।
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Saturday, November 13, 2010
स्व. विजय किशोर दूबे साहबको श्रद्धांजलि
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PIYUSH MEHTA-SURAT
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Late Shree Vijay Kishor Dube,
PIYUSH MEHTA,
पियुष महेता,
स्व. विजय किशोर दूबे
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3 comments:
श्री दूबेजी द्वारा प्रस्तुत ‘H M V के सितारे’ नामक आधे घंटे का कार्यक्रम रेडियो सिलोन से साठ के दशक के अंत में प्रसारित होता था ।
भगवान उन की आत्मा को शांती दे ।
चिदंबर काकत्कर
Oh Jaankar Dukh Huva Radio Ceylon Aur HMV Me Unka Yogdaan Kaafi Utkrisht Raha Hai. Ishwar Unki Aatma Ko Shanti De.
vijay dube ji ko shrandhanjali.
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