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Sunday, August 3, 2008

1. साझ पहेली 2. सितारों से आगे जहाँ और भी है

आज मैं आपको एक फिल्मी धून सुनाना चाहता हूँ, जो मैंनें रेडियो श्री लंका के कार्यक्रम साझ और आवाझ की 18 अप्रिल, 2008 की किस्त से उठाई थी, जो मैं करीब 1968 से अपने संग्रहमें रख़ना चाहता था । पर आज मूझे इनके साझ और कलाकार के बारेमें इस वक्त नहीं बताता हूँ । पर चाहता हूँ, कि आप सिर्फ़ गाने को ही नहीं, पर इस साझ के बारेमें और कलाकार के बारेमें भी अपना अपना अंदाज़ा लगाये और बताएं । एक क्ल्यू देता हूँ, कि इन कलाकार के जनम दिन पर मैंनें बधाई कि पोस्ट प्रस्तूत की थी, जिसमें मेरा उनके साथ फोटो भी प्रस्तूत किया था । अगर मेलोडी वाला साझ आप पहचानेगे तो अपनी याददास्त से या मेरी पूरानी पोस्टसे सही हल ढ़ूढना मुस्कील नहीं रहेगा । थोड़ी सी ध्वनी मूद्री की गुणवत्ता कम तो मिलेगी ही क्यों कि, यह लधू तरंग का प्रसारण है ।
तो सुनिये यह मधूर धून


साथ में श्री अजितजी की आकाशवाणी पटना के विज्ञापन प्रसारण सेवा के सावन के 1931 से आज तक के गानो के कार्यक्रम के गानो की पोस्ट, श्रीमती अन्नपूर्णाजी की त्रिवेणी, भेटवार्ता, साप्ताहिकी, आराधना, नाट्यतरंग, पिटारेमें खीचडी, पटियाला घराने की संगीत सरीता, सेहतनामा, यूथ एक्स्प्रेश तथा संजय पटॆल जी की देवकीनंदन पांडेजी के बारेमें पोस्ट, युनूसजी की जरूरी एलान, आलम पनाह (फरमान पर अन्नपूर्णाजी की टिपणी के साथ ), तथा विविध भारती की प्रायोगीक वेबसाईट, वगैरह पोस्ट की सराहना करता हूँ । पर अभी भी विविध भारती पर जोधपूर और राजस्थान छाया हूआ है और अब शायद आजके बाद आने वाले दिनों में अलाहाबाद छाने वाला है । यह दोनों आकाशवाणी केन्द्र श्री महेन्द्र मोदी साहब के कार्यक्षेत्र रहे है । इस लिये उनके पास वहाँ के सही कलाकारों और वक्ता लोगों की ढेर सारी जानकारीयाँ होना स्वाभाविक है । और जिन लोगों को प्रस्तूत किया गया उनसे मेरे सहीत सभी को ख़ुशी तो हुई है ही, पर एक बात कहना चाहता हूँ, सितारों से आगे जहाँ और भी है । कि हमारे सुरत शहरमें भी कई गिरधारीलाल विश्वकर्माजी जैसे या थोडे से उपर या नीचे रहे कुछ: रेर सोंग्स कलेक्टर्स को मैं जानता हूँ तथा बड़ौदा के श्री जयंतिभाई पटेल, और राजकोट के मधूसूदन भट्ट भी इसी प्रकार के संग्राहक है । और डोम्बीवली के जयरामन साहब को तो मैं भूल नहीं सकता । पर अफ़सोस रहेगा, कि यह स्वर्ण जयंति मनाने का यह सिलसिला तो दि. 03-10-2008 पर समाप्त होने पर इनके लिये विविध भारती रूपी यह टेलीस्पोप हमें काम देना बंद कर देगा । “आमने सामने” भी सिर्फ़ जोधपूर के लिये ही रहा । क्या युनूसजी इस बात को श्री मोदी साहब तक़ पहोंचायेंगे ?

पियुष महेता

10 comments:

अफ़लातून said...

मेण्डोलिन ,'आ,आ भी जा '

पारुल "पुखराज" said...

आ आ भी जा रात ढ़लने लगी चाँद छुपने चला--वहीदा रहमान

डॉ. अजीत कुमार said...

ऒ. आ.. आ भी जा, रात ढलने लगी.चाँद छुपने चला..
साज-- शायद पियानो एकोर्डियन.
आपने जो clue वो तो लगता है श्री एनोक डैनियेल्स साहब के बारे में है.

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

शुक्रिया
हाँ धुन तो " आ आ आ भी जा " वाली ही लगती है
--लावण्या

annapurna said...

मेरा जो अन्दाज़ा है वो ऊपर सभी बता चुके…

Anonymous said...

सिर्फ़ अफ़्लातूनजी पास । मेंडोलीन पर वादक कलाकार श्री महेन्द्र भावसार है, जिनके बारेमें दि. 10 मार्च 2008 के दिन पोस्ट लिख़ी थी ।
पियुष महेता

Anonymous said...

सिर्फ़ गाना सही सभीने पहचाना ।
पियुष

Anonymous said...

i wish to inform dear piyush ji that i am a regular reader of radionama and i can directly talk to the members of radiona,a who are my esteened listners too.
secod thing, jodhpur has never been my own place as i was at jodhpur just for six months, that too in the year 1976..... do you think i could really find any person of that era now in 2008?
i had chosen jodhpur because the people working at air jodhpur including the station director mr. b.c.pawar,pexs like m.s.lalas, p. thapliyal and vibha saxena were very helpful and did a lot for making our trip useful and on the top of everything... it was decided to visit a place which is on border....i am thankful to the officers of bsf jaisalmer like dig mr. saraswat, comm. mr.awdhesh tiwari, comm. mr. singh, deputy comm. mr. meena and mr. roy, who not only welcomed us with great warmth but also arranged recordings right on the border despite bad weather and other problems.
and finally... when we went to laisalmer, what wrong we did if we utilized our time in bringing some very good recordings from jodhpur?
my team members would have enjoyed a spell of holidays in jodhpur while coming back from jaisalmer if they would not record anything there but they decided to work round the clock in place of enjoying holidays. do our all listners think it was a wrong attempt???????
i am sorr for writing the whole thing in english as i fell sick during my last visit to allahabad and have undergone a surgery a few days back and since i was shifted to my son's place from bombay hospital, i don't have my laptop with me. i am using my son's laptop which doesn't have hindi fonts.
anyways...thans piyush ji.. thanks for everything.
mahendra modi
acting station director
vividh bharati
mumbai











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Anonymous said...

i wish to inform dear piyush ji that i am a regular reader of radionama and i can directly talk to the members of radionama, who are my esteened listners too.
secod thing, jodhpur has never been my own place as i was at jodhpur just for six months, that too in the year 1976..... do you think i could really find any person of that era now in 2008?
i had chosen jodhpur because the people working at air jodhpur including the station director mr. b.c.pawar,pexs like m.s.lalas, p. thapliyal and vibha saxena were very helpful and did a lot for making our trip useful and on the top of everything... it was decided to visit a place which is on border....i am thankful to the officers of bsf jaisalmer like dig mr. saraswat, comm. mr.awdhesh tiwari, comm. mr. singh, deputy comm. mr. meena and mr. roy, who not only welcomed us with great warmth but also arranged recordings right on the border despite bad weather and other problems.
and finally... when we went to jaisalmer, what wrong we did if we utilized our time in bringing some very good recordings from jodhpur?
my team members would have enjoyed a spell of holidays in jodhpur while coming back from jaisalmer if they would not record anything there but they decided to work round the clock in place of enjoying holidays. do our all listners think it was a wrong attempt???????
i am sorry for writing the whole thing in english as i fell sick during my last visit to allahabad and have undergone a surgery a few days back and since i was shifted to my son's place from bombay hospital, i don't have my laptop with me. i am using my son's laptop which doesn't have hindi fonts.
anyways...thanks piyush ji.. thanks for everything.
mahendra modi
acting station director
vividh bharati
mumbai











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lalas said...

Modiji
thanx for acknowleding us, you are so kind and a committed broadcaster, wishes for you and your wonderful team
Mahendra Lalas, P.Ex. Jodhpur

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