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Monday, August 11, 2008
विविध भारती सेवा- पुन:प्रसारणो का अतिरेक्
जाने माने सेक्षोफोन और मेटल फ्ल्यूट वादक श्री मनोहरी सिंहजी की हमारे महेमान कार्यक्रममें दो बार दो हप्तेमें प्रस्तूत की गई मुलाक़ात को कई किस्तोंमें बांट कर यूथ एक्स्प्रेस में प्रस्तूत करने की, तो एक बात इस तरह हो गई, कि फिल्मी दूनिया से यानि सिर्फ़ फिल्मी दूनिया से जूड़े वादक कलाकारमें आप के लिये सिर्फ़ मनोहरी दा ही है और अन्य कोई वादक कलाकार की या अरेंजर की उनकी नज़रमें कोई अहेमियत नहीं लगती है । अगर कोई मुलाकात का पुन: प्रसारण करना है तो एक 4 या 5 साल की लम्बी अवधी के बाद थोड़ा सा वाज़िब लगता है । संगीत सरीतामें श्री बाल कृष्ण ऐय्यर की मुलाकात को करीब 7 मास भी नहीं हुए है । मनोहरी दा को तो संगीत सरीता और इनसे मिलीये में भी बुलाया गया था । इसी तरह नौशाद नामा को उजाले उनकी यादोंके श्रंखलामें भी दूसरी यानि कुल मिलाके तीसरी बार शामिल किया गया है । जब की कई निवृत्त कलाकारों को याद भी नहीं किया जाता है जैसे अभिनेत्री आशा पारेखजी और शक़िलाजी, जब की कई नये कलाकार और गायको को स्थान मिला है । श्रीमती जयश्री टी की श्रंखला बहोत मझेदार रही और इस लिये भेटकर्ता और सम्पादक श्री अशोक सोनावणेजी और निर्मात्री को बधाई । पर इनसे सिनियर अभिनेत्री तो मूझे याद आयी ही ।
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