रेडियोनामा: पद लहरी बनाम वाक्यांजलि
श्री अन्नपूर्णाजी
आपने जो एक शब्द का कार्यक्रमके हर गाने के मूख़डे में होनेका जो जिक्र किया है उस कार्यक्रमका नाम जो रेडियो श्रीलंका से सबसे पहले प्रस्तूत हुआ था और अभी नझदीकी भूतकालमें ही बन्द हुआ है उसका नाम शिर्षक संगीत है, जो सबसे पहेले श्री गोपाल शर्माजीने बनाया था । और जो दूसरा कार्यक्रम एक वाक्य के हर शब्द से शुरू होने वाले गानोको क्रमांक अनुसार प्रस्तूत किया जाता था उसका नाम वाक्य गीतांजली था जो शायद स्व. शिव कूमार ’सरोज’ (जो गीतकार भी थे)ने प्रयोजा था । एक विषेष बात रेदियो सिलोन के बारेंमें बतानी है कि १ मई, २००८ से उनका हिन्दी सेवाका शामका प्रसारण बंध किया गया है और सुबह ९.३० के बजाय ८.३० पर समाप्त होता है । इस लिये इन दोनों कार्यक्रम के अलावा साझ और आवाझ, आप के अनुरोध पर बंध किये गये है और श्रीमती पद्दमिनी परेरा ८ मई, २००८ को निवृत्त हुई है ।
पियुष महेता
सुरत ।
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Tuesday, June 24, 2008
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1 comment:
जानकारी के लिए धन्यवाद पीयूष जी !
यह जानकर दुःख हुआ कि रिडियो सिलोन का प्रसारण और भी कम हुआ है।
पद्मिनी (परेरा) जी को सुनना बहुत अच्छा लगता था।
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।