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Tuesday, June 24, 2008

पद लहरी बनाम वाक्यांजलि

फ़िल्मी गीत प्रस्तुत करने के बहुत सारे ढंग है। कहीं फ़रमाइश को आधार बना कर तो कहीं फ़िल्में, कलाकार या विषय को आधार बना कर फ़िल्मी गीत सुनवाए जाते है।

आजकल एक कार्यक्रम आकाशवाणी हैदराबाद केन्द्र से प्रसारित हो रहा है। तेलुगु फ़िल्मी गीतों का यह कार्यक्रम बहुत समय से चल रहा है। इसका स्वरूप अच्छा है। इसमें एक पद को लिया जाता है। मैं यहाँ बता दूँ कि तेलुगु में शब्द को पद कहते है।

इस साप्ताहिक कार्यक्रम में हर सप्ताह एक पद या शब्द लिया जाता है और ऐसे फ़िल्मी गीत सुनवाए जाते है जिसके मुखड़े में वह शब्द हो जैसे एक पद लिया गया है अम्माई यानि लड़की। अब उन तेलुगु फ़िल्मी गीतों को आप सुन सकेंगें जिसके मुखड़े में अम्माई शब्द है।

एक इसी तरह का कार्यक्रम रेडियो सिलोन से पहले शायद सवेरे आप ही के गीत कार्यक्रम के बाद प्रसारित होता था जो शायद साप्ताहिक था। इस कार्यक्रम का नाम था - वाक्यांजलि

इसमें एक अच्छा सा वक्य चुना जाता था। यह ध्यान रखा जाता था कि वाक्य उपदेशात्मक हो या बोधगम्य हो या कोई अच्छी सी बात इस वाक्य में कही गई हो। यह वाक्य पाँच-छ्ह शब्दों का होता था क्योंकि आधे घण्टे में पाँच-छह गीत ही सुनवाए जा सकते है।

इस वाक्य के हर शब्द से शुरू होने वाला फ़िल्मी गीत सुनवाया जाता था। शब्दों को क्रम से लिया जाता था जैसे पहले शब्द से शुरू होने वाला गीत कार्यक्रम का पहला गीत होता उसके बाद दूसरे, तीसरे शब्द आदि।

कई बार ऐसा होता कि उस शब्द से शुरू होने वाला गीत नहीं मिलता तब ऐसा गीत चुना जाता जिसमें शब्द गीत के मुखड़े में हो। कभी ऐसा भी होता कि कोई शब्द गीत के मुखड़े में भी नहीं मिलता तब उससे मिलते-जुलते शब्द के गीत को चुना जात जैसे फुलवारी शब्द न मिले तो ऐसा गीत सुनवाया जाता जिसमें फूल शब्द हो।

2 comments:

mamta said...

interesting।

Anonymous said...

annapurna...
aapne vividh bharti ke subah prasaran se hone waali aapke ghar ki din charya ka ullekh kiya hai...

kya aap kripya mere liye signature tune aur mangal dhwani ko computerise karke e-patri dhwara bhej sakti hai...

aapki badi meherbaani hogi...

dhanyawaad

likhitan

Shri Shah
e-mail: to6479@yahoo.com

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