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Saturday, December 1, 2007

पियुष महेता द्वारा जारि संगीत पहेली क्रमांक १ का हल :

दोस्तो, नमस्कार,

आज मैं आपको मेरे द्वारा जारि सिने पहेली का हल लिख कर नहीं पर बोल कर बताऊँगा, जो मैने अभी नहीं पर करीब तीन या चार साल पहेले रेडियो पर हल्लो फरमाईशमें श्री रेणू बंसलजी के साथ बात चीत के दौरान बोला था और यह पूरा गाना भी आप सुन पायेंगे । यह कार्यक्रम उस समय में था जब कुछ अवधी के लिये पिटारा दोपहर १२ से १ में आता था । यह समय याद इस लिये रहा है, क्यों कि यह फरमाईश मैनें कडे बूखारके साथ की थी और इस की ध्वनि मुद्री भी वोकमेन पर अपने डों मित्र के दवाखाने में उसी बुखार के लिये दवाई लेनेके लिये गया था तब की थी ।

ANSWER PM RM Q 1.m...



दोस्तो, क्या गाना पसंद आया ? अगर हाँ भी या ना भी तो भी जरूर बताईए ।

धन्यवाद ।

पियुष महेता ।

8 comments:

डॉ. अजीत कुमार said...

पीयूष जी, आपने अपनी संगीत पहेली का संगीतमय उत्तर हमारे नज्र किया. धन्यवाद.
सच कहूं, मैं तो इस गीत के अपने पेट में होने की बात कर रहा था और यहाँ ये आलम है कि ये गाना कभी मेरे दिमाग ने अपनाया ही नहीं था, खुल कर कहूं तो शायद कहीं सुना भी नही था.

इरफ़ान said...

भाई लोगो इसे सुनने का मंत्र क्या है? आप लोग क्या खाकर इसे सुन पाते हैं?

Harshad Jangla said...

Piyushbhai
I now remember this song since I have seen this movie. Asha Bhosle's voice is always good in Ravi's composition.

Dhanyavad.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
Dec 1, 2007

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

इरफानजी,

आपने इस तरह के शब्दोका इस्तेमाल किया है, कि उसको तारीफ़ के रूपमें गीना जाय या आप को यह गाना या प्रस्तूती जमी नहीं वो भी समजा जाय ? हाँ ध्वनि-मुद्री जिस प्रकारके साधन पर संजोगो अनुसार की थी, उस पर थोडी सी आवाझ की गुणवत्ता कम तो होगी ही होगी । पर ऐसा लगा की आपका यह गाना पहेले कभी सुना नहीं होगा ।
आशा है, कि आप थोडे से ज्यादा स्पस्ट जवाब लिखेंगे ।
पियुष महेता

सागर नाहर said...

बहुत बढ़िया गाना.. पहली बार सुना है।
@ पीयूष भाई
इरफान जी शायद किसी वजह से इस गाने को नहीं सुन पा रहे हैं इसलिये शायद उन्होने पूछा है कि आप किस तरह इस गाने को सुन पा रहे हैं...
यह मजाकिया शैली में लिखा गया वाक्य है कि आप क्या खाकर इसे सुन पाते हैं।
:)

डॉ. अजीत कुमार said...

पीयूष जी,क्या आप एक बात बताएँगे?आपके उपनाम महेता है या मेहता. मैं हिन्दी मे यदि लिखूं टू क्या लिखूं?

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

डो. अजीत साहब,
आप जैसा सवाल तो बचपनमें मूझे भी होता था । पर यह तो मुम्बई का बोम्बे, अमदावाद का अहमेडाबाद, वडोदरा का बदौदा से बरोडा, जैसे किसी जमानेमें अन्ग्रेजोने महेता का इन्ग्लिशमें मेहता किया होगा । इस लिये आप जिस भाषा का उपयोग कर रहे हो, उसके मुताबिक ही लिखी़येगा । अपनी अपनी जगह आज दोनो सही माने जाते है । पर आप के सवाल मजा़ आया ।
पियुष महेता ।
( PIYUSH MEHTA)|

annapurna said...

अजीत जी ने जो लिखा मेरी भी वही टिप्पणी है।

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