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Tuesday, December 11, 2007

मुकेश पर केंद्रित कार्यक्रम जिसे रेडियो नीदरलैन्‍ड ने प्रस्‍तुत किया था




मुकेश सदा सर्वदा से राजकपूर की आवाज बन गये थे
और इसी रूप में हम उन्हें याद भी करते हैंजब मुकेश का निधन हुआ तो राज ने कहा था कि मैं तो गूंगा हो गया मेरी आवाज ही चली गयीशायद इसके बाद राजकपूर ने परदे पर कभी कोई गीत नहीं गुनगुनाया

ऊपर दूसरी तस्वीर में आप मुकेश के साथ लावण्या जी को देख सकते हैं

आज लावण्या जी लेकर आई हैं नीदरलैन् के रेडियो स्टेशन पर मुकेश पर केंद्रित कार्यक्रमइसे प्रस्तुत किया है--विमला जी और सुभाष जी नेये रहा लिंकसुनिए और आनंद लीजिएऔर शुक्र मनाईये कि सात समंदर पार भी रेडियो स्टेशनों पर हमारी भाषा और हमारे कलाकारों को शिद्दत से याद किया जाता है
----यूनुस

http://pl216.pairlitesite.com//lavanya/MukeshKiYaadenDeel3-VimlaSoebhaas.mp3

7 comments:

Rajendra said...

आनंद आ गया सुन कर. लावण्या जी को बहुत बहुत धन्यवाद जिनके जरिये यह कार्यक्रम सुनाने को मिला.

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

श्री युनूसजी,

लावण्याजी से लिखीत चेटिंग के दौरान मैनें भी इस लिन्क का जिक्र उनसे किया था । तो कल उन्होंने मूझे भी यह लिन्क भेजा था । पर मेरे सिस्टम पर, शायद मेरी जानकारी की कमी के कारण भी हो सकता है, कोई भी इस प्रकारकी लिन्क सीधा बजती नहीं है । पर उसको सेव टारगेट विकल्प से अपनी सिस्टम पर डाउनलोड करके ही सुना जा सकता है । तो आज इस पोस्ट को पढ़ने से पहेले ही उस कार्यक्रम को आधा सुना है । जब तक दो पहर ४ बजे तक श्री कमल शर्माजी का हल्लो फरमाईश शुरू होना था । पर जितना सुना मझेदार रहा और लावण्याजी की आवाझ पहेली बार सुननी मिली ।

पियुष महेता ।

Anonymous said...

hello,
very very good & best radio showi request to can u give rafi ji radio show, on 24 dec rafi ji brithday, mukesh ji radio show bhut good ,best.
surinder dhall
canada-001- 416-278-9639

Anonymous said...

hello,
very very good & best radio showi request to can u give rafi ji radio show, on 24 dec rafi ji brithday, mukesh ji radio show bhut good ,best.
surinder dhall
canada-001- 416-278-9639

Anonymous said...

achaa lagaa.
Dhanyavaad Lavanya ji !

annpurna

Anonymous said...

यूनुस जी और लावण्या जी,

बहुत बहुत धन्यवाद कि आप ने हम लोगों तक इस प्रोग्राम को पहुँचाये हैं.

कितना सुंदर था लावण्या जी की यादों की सफर!

लग रहा था जैसे बिल्कुल उनके पास बैठ के बातें कर रहे हैं.
लावण्या जी, जिस श्रद्धा और भक्ति से आप ने मुकेश भैय्या की स्मृति को ताजा किये हैं इस का तो जवाब ही नहीं हैं. आप की कविता भी बहुत सुंदर है.

नमस्कार.
भास्कर
(Dallas, TX)

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आप सभी का शुक्रिया जो आपको विमला जी व सुभाष जी के साथ हुई ,
अमर गायक श्री मुकेश जी की यादों का ये सफर नामा या बातचीत पसंद आयी -
- यूनुस भाई का भी धन्यवाद -
- सुन्दर भुमिका के लिए --

स- स्नेह ,

लावण्या

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