मैं कल सुबह रेडियो सुन रहा था। उस पर एक प्रोग्राम चल रहा था जिस में एक डाक्टर साहब नवजात शिशुओं की सेहत के बारे में बातें कर रहे थे। बीच बीच में उन की पसंद के फिल्मी गीत बज रहे थे। वे इतनी अच्छी तरह से सब कुछ समझा रहे थे कि उन की कही काम की बातें एक निरक्षर बंदे के भी दिल में उतर गई होंगी।
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2 comments:
पिटारा में सेहतनामा में दोपहर 3 से 4 तक मैनें ऐसे कार्यक्रम बहुत सुने है जिसमें बहुत ही सरल भाषा में सभी बातें समझाई जाती और लंबी बातचीत से ऊब न हो इसीलिए गाने बजाए जाते है।
यह विविध भारती कि अच्छे कार्यक्रमों में से एक है।
सुनते नहीं इसलिए क्या कहें.
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