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Wednesday, October 10, 2007

इन्स्पेक्टर इगल

अन्नपूर्णाजी,
नमस्कार । इन्स्पेक्टर इगल कार्यक्रमकी तराह के बारेंमें आपने जिस तरह बयान किया वह सही है, पर सिर्फ़ एक पर महत्व का सुधार मेरी और से कि, इन्स्पेक्टर इगल बनते थे स्व. श्री विनोद शर्मा, जिन्हों ने विविध भारती की वि.प्र. सेवा के किये दूसरा प्रस्तूत सप्ताहिक प्रायोजित कार्यक्रम कोहिनूर गीत गुंजार (प्रायोजक : कोहिनूर मिल्स-मुम्बई, निर्माता अजीत शेठ और उनकी पत्नी श्रीमती निरूपमा शेठ)प्रस्तूत किया था ।
इस प्रायोजित कार्यक्रम अन्तर्गत कोहिनूर मिल्स के उत्पादनों के जो जिन्गल्स कूकडे की आवाझ के साथ आते थे, उसमें साथ जूडी हुई आवाझ ब्रिज भूषणजी की थी । इस के साथ यह भी बता दूँ कि प्रथम प्रस्तूत प्रायोजित ( उन दिनों प्रयोजित की जगह वि. प्र. सेवा के उद्दधोषकों प्रेषित शब्द बोलते थे ।)कार्यक्रम ’रोस’ द्वारा प्रायोजित और श्री अमीन सायानी साहब द्वारा प्रस्तूत ’सेरिडोन के साथी’ था, जिसमें कोई भी पिल्मी हस्ती अपने तीन व्यावसायिक साथीयोँ के बारेमें बताते थे । रेडियो श्री लंका पर सेरिडोन का विज्ञापन १९६७ के पहेले श्री अमीन सायानी साहब ही करते थे । जो उनके भी पहेले श्री नक्वी रझवी नाम के उस जमाने के बहोत ही मशहूर आवाझी जादूगर प्रस्तूत करते थे, जो बादमें इस व्यायसाय को छोड अमेरिका चले गये थे ऐसा जब में ४.५ साल पहेले स्व. श्री बाल गोविन्द श्रीवास्तवजी और श्रीमती कमल बारोटजी को एक साथ मुम्बईमें मिला था तब मेरे पूछने पर उन लोगोने बताया था । अन्य विज्ञापन कर्ता और प्रायोजित कार्यक्रमों के प्रस्तूत कर्ता रेडियो श्रीलंका से धीर्ते धीरे नाता तोड कर विविघ भारतीसे जूडे, तब स्व. श्री विनोद शर्माजीने विविध भारती के अपने इस कोहिनूर गीत गुन्जार के बाद एक कार्यक्रम कोई अगरबत्ती के निर्माता के लिये रेडियो श्री लंकासे ( हर रविवार सुबह ९.१५ पर) प्रस्तूत किया था और बादमें उनके साथ साथ श्री अमीन सायानी साहब भी जूडे थे।} आपकी पिछली एक पोस्ट पर मेरी एक से ज्यादा टिपणी पढी होगी ।

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