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Wednesday, October 3, 2007

आज विविध भारती का पचासवां जन्‍मदिन है । सुनिए सुनाईये सबको बताईये ।


आज भारत का सुनहरा रेडियो चैनल विविध भारती अपनी स्‍थापना के पचास साल पूरे कर रहा है । मेरे लिए एक सुनहरी सुबह है ये । एक यादगार दिन । किसी ज़माने में मैं विविध भारती का जुनूनी श्रोता हुआ करता था और आज हूं विविध भारती का एक हिस्‍सा ।
विविध भारती की आवाज़ हूं । मुझे इस बात पर गर्व है ।

विविध भारती पर एक स्‍नेहसिक्‍त पोस्‍ट लिखने का बड़ा मन है ।
पर अभी चलता हूं आठ बजे से दस बजे तक मेरा शो है । आज सारा दिन विविध भारती में
ही बीतेगा । पुराने उदघोषक भी आयेंगे, जिनमें ब्रज भूषण साहनी, किशन शर्मा, मोना ठाकुर, मधुप शर्मा, लोकेंद्र शर्मा वगैरह शामिल हैं । दिन भर पिछले पचास सालों के दौरान की गयी रिकॉर्डिंग्‍स सुनवाई जायेंगी । शाम चार बजे लता मंगेशकर से रेडियो सखी ममता सिंह की फोन इन बातचीत सुनवाई जायेगी । और भी बहुत कुछ है । आप भी सुनिए और सबको बताईये कि विविध भारती आज पचास साल की हो गयी । और हां इंतज़ार कीजिए इस जश्‍न की तस्‍वीरों का ।

रेडियोनामा पर बधाईयों का सिलसिला रूकना नहीं चाहिये ।

13 comments:

sanjay patel said...

बधाई विविध भारती
पचास सालों से हमारे कानों में मिश्री सी मिठास घोलने के लिये.जिस तरह से माँ-बाप कभी अपनी अहमियत नहीं जताते उसी तरह से विविध भारती ने अपनी भूमिका निभाई है. विविध भारती ज़िन्दगी का नमक है जो दिखाई नहीं देता लेकिन जिसके बिन सब कुछ बेस्वाद है.
वाक़ई...आधी सदी से कई सदी तक गूँजती रहेगी विविध भारती.....बधाई...और शुभकामनाएँ अगले पचास साला सफ़र के लिये अभी से..क्योंकि तब शायद हम न हों..
तुम सुरीली बनी रहना विविध भारती..
हमारी भावनाएँ उतारें तुम्हारी आरती.

Udan Tashtari said...

बहुत बधाई. जहाँ तक संभव हो पाया ,सबको बताया और बताते जा रहे हैं. वादा है बड्डे, जितना बन पड़ेगा..करेंगे. सच्चई.

अनिल रघुराज said...

आपके उत्साह और विविध भारती के 50वें जन्मदिन, दोनों के लिए ढेर सारी बधाइयां। रेडियो कहीं किसी कोने में बिना बैटरी का पड़ा था। ठीक होता तो तुरंत आपको सुनने बैठ जाता। खैर, फिर कभी।

Anonymous said...

बधाई हो बधाई

annapurna said...

रोज़ की तरह आज भी हमारे घ्रर में विविध भारती की signature tune से सुबह हुई।

वन्देमातरम और मंगल ध्वनि के बाद कमल (शर्मा) जी फिर निम्मी (मिश्रा) जी की आवाज़ उसके बाद प्रेमलता की आवाज़ में भजन -

तेरे पूजन को भगवान
बना मन मंन्दिर आलीशान

जैसे ही भजन शुरू हुआ घर में सबके मुंह से निकला - वाह !

वाकई स्वर्ण जयंती की बहुत शानदार शुरूवात।

फिर मोना (ठाकुर) जी जिसके बाद भारती (व्यास) जी की आवाज़े सुनी।

अभी तो सारा दिन बाकी है …

आप सबको बहुत - बहुत बधाई !

Anonymous said...

बधाई जी बधाई.हम तो ऑफिस में बैठे हैं..क्या नैट से सुनने की कोई व्यवस्था हो सकती है.??

Rajendra said...

ढेर सारी बधाईयाँ .

mamta said...

विविध भारती को पचास साल पूरे करने की बहुत बधाई और शुभकामनायें।

Anonymous said...

हार्दिक बधाई लें । ७.३० से ९.३० सुन पाया आज के विशेष कार्यक्रम । आम श्रोताओं के सन्देश सुनते वक्त भावुक हो गया। रेडियो आज भी बहुत बड़ी जमात का साथी है । दिन भर पहरेदारी करने वाले निजी सुरक्षा एजेन्सी के जवान हों अथवा रसोई में रेडियो सुनने वाली औरतें अथवा कई किलोमीटर विशेष रूप से सजाई साइकिल चला कर अनन्त चतुर्दशी से दशहरे तक रामलीला देखने जाने वाले ।

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

श्री युनूसजी, विविध भारती को और उनके एक सक्रिय हिस्सा होने पर आपको श्रीमती ममता सिंह को और आपके सभी सहकर्मीयों को बधाई । मैं अपना बधाई संदेश फोन पर रेकोर्ड करवानेमें तो कामयाब नहीं हो पाया पर सी. बी. एस. सुरतने अपने स्थानिक प्रसारणमें एक विषेष फोन आउट कार्यक्रममें मेरी विविध भारती की पूरानी यादों के थोडे अंश श्रोताओंमें बांटे ।
पियुष महेता ।

Sagar Chand Nahar said...

क्या कहूं अब मैं?.. मेरा रेडियो पिछले कई दिनों से खराब पड़ा था। आज के कार्यक्रम पूरे दिन सुनने के लिये एक पॉकेट साइज रेडियो नया खरीदा पर सुबह से बहुत कोशिश करी पर विविध भारती को छोड़कर सारे स्टेशन बज रहे थे... मुझे इतना गुस्सा आया कि उस रेडियो को दीवार पर दे मारा।
खैर..
विविध भारती के स्वर्णजयन्ति पर युनुस भाई, ममताजी और रेडियो वाणी के सभी मित्रों को ढ़ेरों बधाईय़ाँ।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

कौन जानता था कि,एक नन्हा सा पौधा ,इतना घटादार,घना,हरा भरा बरगद सा फैला विशाल वृक्ष बन जायेगा ?
मेरे पूज्य पापा जी तथा अन्य कर्मठ साथियोँ की मेहनत से लगाया ये नन्हा बिरवा,"विविध ~ भारती" आज स्वर्ण जयँती उत्सव मना रहा है १
भारत सरकार द्वारा आरँभ किया गया, भारत की जनता के प्रति पूरी ततह समर्पित,आधुनिक वायु सँचार माध्यम का यशस्वी रेडियो कार्यक्रम,
अबाध सुचारु रुप से चलता रहे, ये मेरी शुभकामना है और विविध भारती से जुडे हरेक व्यक्ति को मेरे सस्नेह अभिवादन !

स्वर्ण जयँती सु -अवसर आया,
जन जन के मन उमँग छाया,
नव सँशोधन, स्वर लहर मधुर,
विविध भारती बन,मधुराकर्षण,
भारत के गौरव सा,ही हो पूरण,
शत वरष,भावी के कर गुँजारित,
प्रेम वारिधि छलका कर,अविरत,
जन जन का बन समन्वय -सेतु
फहराता रहे, यशस्वी,हर्ष -केतु.
-- लावण्या

Anonymous said...

achchha to yunus miyan aap teen taateekh ko yahan chhupe the 7.08 am tak aur udhar hamari jaan sookh rahi thee ki janaab kahan ghayab hai...anyways...badhaiyan..... mahendra modi

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