अगर आप युवा है और अपने करियर की योजना बना रहे है तो आपके साथ हम चर्चा करना चाहेगें मंगलरूपा सखि-सहेली की।
अरे नहीं ! हम किसी देवी या अवतार की बात नहीं कर रहे। हम तो चर्चा कर रहे है मंगलवार को विविध भारती से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम सखि-सहेली की।
यह केवल मंगलवार को ही प्रसारित नहीं होता है। यह सोमवार से शुक्रवार तक सप्ताह में पाँच दिन दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक प्रसारित होता है।
जहाँ तक हमारी जानकारी है विविध भारती से लगभग तीन साल पहले शुरू हुआ यह अब तक का नया कार्यक्रम है। हमें याद नहीं कि इसके बाद कोई और कार्यक्रम विविध भारती से शुरू किया गया है, ख़ैर…
सखि-सहेली, महिलाओं के लिए, महिलाओं का, महिलाओं द्वारा तैयार एक बेहतरीन कार्यक्रम है। पहले, सप्ताह में एक बार बुधवार को प्रसारित होता था फिर पाँच दिन प्रसारित होने लगा फिर कुछ समय के लिए सातों दिन और आजकल पाँच दिन प्रसारित होता है।
हर दिन अलग-अलग रूप में प्रसारित होता है। आज हम चर्चा कर रहे है इसके मंगलवार को प्रसारित होने वाले रूप की जो वाकई मंगलकारी है। युवाओं के लिए यह मंगलमय है क्योंकि इस दिन युवा इस कार्यक्रम से दिशा-निर्देश ले कर अपना भविष्य तय कर सकते है।
हर मंगलवार को बताया जाता है किसी एक करियर के बारे में। पिछले सप्ताहों में बताया गया कि आप कैसे कंपनी सेक्रेटरी बन सकते है, कैसे बन सकते है सेना अधिकारी और कैसे अपना करियर बना सकते है प्रबन्धन में।
हर पेशे की पूरी जानकारी दी जाती है कि इस पेशे में जाने के लिए आपको कम से कम कितना पढा-लिखा होना है। इस पेशे में जाने के लिए आपको क्या पढाई करनी है। कितने साल तक पढना है। पाठ्यक्रम क्या होगा ? पत्राचार पाठ्यक्रम की सुविधा होगी क्या ?
इतना ही नहीं परीक्षाएं कब, कहां और कैसे होगी ? संपर्क करने के लिए कहां केन्द्र है और मुख्य केन्द्र का पता तक बताया जाता है। यह सारी जानकारी केवल लड़कियां ही नहीं लड़कों के लिए भी उपयोगी होती है।
घर बैठे और वो भी गाने सुनते हुए इतनी जानकारी मिल जाए तो फिर क्या बात है ! इसीलिए तो मंगलवार को गाने भी नई फ़िल्मों के सुनवाए जाते है जैसे कल पहला गाना सुनवाया गया शान की आवाज़ में साँवरिया फ़िल्म का। वैसे तो गाने हर दिन सुनवाए जाते है पर इस दिन नए गानों की फ़रमाइश पूरी होती है।
तो हर मंगलवार सुनिए सखि-सहेली और बनाइए अपना करियर और धन्यवाद दीजिए कमलेश (पाठक) जी और उनकी टीम को।
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Wednesday, February 20, 2008
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2 comments:
मैंने भी इस कार्यक्रम को कल सुना था. शहनाज जी और नयी सहेली बबिता जी ने इसे काफी अच्छे तरह से प्रस्तुत किया था. जब सिर्फ़ नए गाने ही सुनाने को मिल रहे थे तो मैंने सोचा की आज क्या हो गया है. तभी बताया गया की मंगलवार को नए गाने सुनवाये जाते हैं. तब लगा की अच्छा तभी तो.
वैसे गाने अच्छे थे, पर अंत में फ़िल्म विवाह का गाना " मिलन अभी आधा अधूरा है..." और ये गाना भी अधूरा ही रह गया, और सखियों ने कह भी दिया मिलन अभी आधा अधूरा है.
धन्यवाद.
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