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Sunday, February 3, 2008

२ फरवरी श्री केरशी मिस्त्री साहब का जन्म दिन



भारत के एक जमाने के मशहूर पियानो वादक श्री केरशी मिस्त्री साहब का जन्म २ फरवारी, २०१९ के दिन भारत की पहली हिन्दी फिल्म (बोलती) आलम आरा के संगीतकार श्री पिरोज़ मिस्त्री साहब के यहाँ हुआ था । इस तरह संगीत के संस्कार उनहें पैदायसी प्रप्त हुए । पढाई के बाद वे एच. एम. वी. में पियानो वादक और वाद्यवृन्द संचालक बने । और उनके साथ ज्न्होंने कई वादक कलाकारों को अपने संचालनमें कई ७८ अर. पी. एम. तथा ई.पी.स और एल. पी.स में स्थान दिया ।
रेडियो श्री लंका से कल उनके जन्म दिन पर मेरे नाम के साथ उनको बधाई देते हुए उद्दधोषिका श्रीमती पद्दमिनी परेराजी ने पूरानी फिल्मों के गीतो की समाप्ति के बाद उनकी बजाई हुई वाद्ययंत्र सोलोवोक्स पर बजाई धून जो फिम्ल मेरा साया से है, और गीत शिर्षक गीत ’तू जहाँ जहाँ चलेगा’ की प्रस्तूत की थी जिसमें मेलोडी भाग को छोड़ कर असली गाने के वाद्यवृन्द वाला भाग स्व. श्री गुडी शिरवाईने एकोर्डियन पर बजाया है । वैसे श्री केरशी मिस्त्री साहबने कई मंच कार्यक्रममें एकोर्डियन खुद भी बजाया है । इस धून को इधर उस बधाई संदेश के साथ ही मैंनें प्रस्तूत किया है । उस समय मेरे धर के रेडियो श्री लंका पकडा नहीं गया था । तो मैनें मेरे परम मित्र और स्व. महमद रफी साहब के नामवर दिवाने और रफीं साहब के कौटूम्बीक मित्र रहे श्री जिमी बी. वाडियाजी को फोन लगाया और उनसें बिनती की की कि, वे अपना रेडियो फोन के पास रखे और मैनें स्पीकर फोन चालू किया और माईक्रोफोन से अपने यहाँ रेकोर्ड किया । इस की जो भी गुणवत्ता है आप चला लेगे ऐसी आशा है । साथमें मेरी उनके साथ उनके धर पे खिंची गयी तसवीर भी है ।

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5 comments:

डॉ. अजीत कुमार said...

पीयूष जी,
संगीत जगत की महान हस्तियों की बातें, उनकी प्रस्तुतियां हम अनजान श्रोताओं तक पहुँचाने के लिए आप कितने प्रयत्नशील रहते हैं; इसका अंदाजा हम इस पॉडकास्ट से लगा सकते हैं.
शुरुआत में रेडियो की आवाज़ उतनी साफ सुनाई नही दी पर श्री केरशी मिस्त्री साहब का सोलोवोक्स पर बजाई धुन हमने साफ सुनी. बहुत ही अच्छा लगा.
शायद उनकी जन्मतिथि 2 फ़रवरी 1920 हो जिसे आपने 2020 लिख दिया है.
क्या ये महान हस्ती हमारे बीच अभी हैं?
धन्यवाद.

annapurna said...

धन्यवाद पीयूष जी !

PIYUSH MEHTA-SURAT said...
This comment has been removed by the author.
PIYUSH MEHTA-SURAT said...

आदरणिय डो. श्री अजीत साहब,
पहेले तो मेरी गलती पर ध्यान आकर्शित करने के लिये धन्यवाद । यह पोस्ट रात्री के करीब १२ या १२३० पर पूरी हुई थी । इस लिये यह गतली की और मेरा ध्यान नहीं गया । पर आप मूझसे भी देरी से रात्री करीब १. २६ पर भी इतने ध्यान से पढा इस लिये बधाई । श्री केरशी मिस्त्री साहब भगवान की कृपासे हयात है । पर मैनें जब २ तारीखको उनसे जन्मदिन की बधाई देने के लिये फोन लगाया तो उनके पत्नीजी ने उठाया और मेरा नाम उन्होंने सामने से ही बोला और खबर दी कि, उन्हें गिर जाने पर एक पैर के जोइन्ट को बदल कर अभी जो कृत्रीम जोइन्ट का चाल शुरू हुआ है, वह बैठाना पडा है । मैं जब भी मुम्बई जाता हूँ, उनसे मिलता ही हूँ । मेरा दिमाग वैसी नहीं भूलने लायक पर भूला दी गयी हस्तीयोँ पर ज्यादा श्तिर होता है ।
श्री अन्नपूर्णाजी,
आपका भी धन्यवाद ।
पियुष महेता ।
सुरत ।

डॉ. अजीत कुमार said...

पीयूष जी,
श्री केरशी मिस्त्री जी दीर्घायु हों, हम उनके इस जन्मदिन पर देर से ही सही पर भगवान् से यही कामना करते हैं.
उनकी धुनें हमपर यूँ ही बरसती रहें.
( वैसे आपने अभी भी ग़लती कर रखी है :) )
धन्यवाद.

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