अब तो ना जाने कितने साल हो गए है बिनाका गीत माला सुने हुए पर जिस ज़माने मे यानी साठ और सत्तर के दशक मे जब बिनाका गीत माला आती थी तब इसे सुनने का एक अजीब ही नशा होता था। हर बुधवार की रात आठ बजे हम लोग रेडियो से चिपक जाते थे और उस खड़-खड़ करते हुए रेडियो मे गाने सुनते रहते।कभी आवाज बिल्कुल क्लियर हो जाती तो गाना पूरा सुनाई देता तो कभी आवाज आगे-पीछे होती सुनाई देती।पर इससे हम लोगों के बिनाका गीत माला सुनने के जूनून मे कोई कमी नही आती थी।क्यूंकि इस कार्यक्रम मे नए-नए गीत शामिल होते रहते थे और पुराने गीत सरताज गीत बनते जाते थे।
कुछ हफ्तों तक (अब ठीक से याद नही पर शायद दस हफ्ते तक )जब एक ही गीत पहली पायदान पर बजता था तो उसे सरताज गीत की श्रेणी मे डाल दिया जाता था।सरताज गीत के लिए जो धुन बजती थी वो भी बहुत ही जोरदार होती थी और लगता था की हाँ वाकई ये गीत गीतों का सरताज बन गया है।
अमीन सयानी जो हमेशा बिनाका गीत माला प्रस्तुत करते थे उनके बोलने का अंदाज आप को याद तो होगा ही मसलन बहनों और भाइयों कहने का स्टाइल या आज ये गाना अपनी तीसरी पायदान से लुढ़क कर छठी पायदान पर आ गया है या आज इस किशोर कुमार का गाया हुआ गीत सातवी पायदान से तीन पायदान ऊपर यानी चौथी पायदान पर आ गया है वगैरा-वगैरा , बहुत ही अच्छा लगता था।
हर हफ्ते आखिरी तीन पायदानों के लिए हम बहने कई बार शर्त भी लगाती कि इस बार फलां गाना पहली पायदान पर आएगा। और अगर किसी का बताया हुआ गाना पहली पायदान पर आ जाता तो वो शर्त जीत जाता।
अन्नपूर्णा जी और पियुष जी बता सकते है कि क्या अब भी बिनाका गीत माला आती है ।
mamta tv
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6 comments:
रात में सिलोन यहां हैदराबाद में सुन ही नहीं पाते है। मुझे तो नहीं लगता कि बिनाका (सिबाका) गीत माला अब भी प्रसारित होती है। शायद पीयूष जी अधिक जानकारी दे सकते है।
ममता जी 25 हफ़्ते बजने के बाद गीत सरताज होता था। कभी-कभी रिकार्डों की बिक्री के आधार पर 18-20 बार तक बज कर भी कुछ गीत सरताज हुए।
और हां सरताज गीत के लिए गीत का पहली पायदान पर होना ज़रूरी नहीं।
कभी-कभी एक से अधिक गीत सरताज हो जाते थे। अधिक जानकारी मैनें अपने चिट्ठे हिट गीतों की परेड में दी है।
ममता जी यह कार्यक्रम 2006 तक तो प्रसारित होता था परन्तु अब पता नहीं।
1951-1993 तक का बिनाकागीतमाला बाद में सिबाका गीत माला हुआ और बाद में इसका नाम हुआ कोलगेट गीतमाला। कोलगेट गीतमाला में सन 2006 में प्रथम पायदान पर जो गाना रहा वह था बीड़ी लगाईले जिगर से पिया।
पूरी सूची आप यहाँ देख सकती हैं
http://www.bollywoodsoundtracks.com/html/binacageetmala.htm
Mamtaji
This was my most favorite program in those days.We used to finish the dinner quickly to be near the radio set. I have recently bought a cassette of one of the programs of Binaca Geetmala.
Thank you for unfolding the memories.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
अन्नपूर्णा जी गलती सुधारने के लिए धन्यवाद।
सागर जी लिंक देने के लिए शुक्रिया।
हर्षद जी आपको पसंद आया इसके लिए शुक्रिया।
16 bar bajne par kisi geet ko binaca sartaz geet ka khitab milata tha. saal bhar ke sartaz geeto par adharit varshik binaca geet mala karykram hota tha jisme se ricords ki bikri avm deshbhar me phaile shrotasangho ki ray ke adhar par gano ka kram tay hota tha. pahli paydan par kisi gaane ka hona us gane ko varsh bhar ka sarvadhik lokpriya gana banata tha.
aaj vah gane us samay se jyada sulabh hai par vah umar kaha se lau?
आदरणिय श्रीमती ममताजी और श्रीमती अन्नपूर्णाजी,
मेरे कम्प्यूटर पर इन्टरनेट में प्रोब्लेम्स होने के कारण मैं कई दिनोंसे इस ब्लोग और अन्य वेब साईट्स से अलिप्त रहा । हाँ, एक पोस्ट मुम्बई से थोडी तकलीफ़ के साथ लिखी थी ।
सिबाका गीत माला तो श्री लंका से बन्ध हुए कई साल हो गये । उनका आखरी कार्यक्रम भी मैंने सुना था ।
उन दिनों वह कार्यक्रम विविध भारती से दोनों शोर्ट वेव सहित सभी केन्दों से आधे घंटे का सिबाका संगीत माला के नाम से आता था, जिसमें गाने तो वही श्री लंका वाले बजते थे पर स्वाभावीक है, की ३० मिनीट के कार्यक्रममें १६ गीत आधे आधे ही बजते थे । हालही में उनसे हुई भेट और उनके साथ हुई बात चीत की विडीयो तथा औडियो क्लिपिंग्स मेरी अगली पोस्ट में जल्दी रखनेकी कोशिश करूँगा ।
पियुष महेता
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।