कल तेईस जुलाई थी ।
तेईस जुलाई का दिन भारत में रेडियो प्रसारण के इतिहास का मील का पत्थर रहा है ।
तेईस जुलाई 1927 को भारत के पहले रेडियो स्टेशन का उदघाटन हुआ था । जी हां मुंबई रेडियो स्टेशन का आग़ाज इसी दिन लॉर्ड इरविन ने किया था । उन दिनों रेडियो इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी की मिल्कियत हुआ करता था ।
कल आकाशवाणी के मुंबई केंद्र ने अपनी स्थापना के 81 वर्ष पूरे किये ।
इसका मतलब ये है कि भारत में संगठित प्रसारण के 81 वर्ष पूरे हो गये हैं । रेडियो के सभी जुनूनियों के लिए ये दिन वाक़ई गर्व और हर्ष भरा है ।
रेडियोनामा पर आज मैं एक महत्त्वपूर्ण ऐलान करने आया हूं ।
भारत में प्रसारण के इतिहास पर हिंदी में इंटरनेट पर सटीक जानकारी का अभाव है । कल यूं ही बातों बातों में मैंने अपने वरिष्ठ साथी कमल शर्मा को इस बात के लिए राज़ी कर लिया है कि वो रेडियोनामा पर अपना साप्ताहिक स्तंभ आरंभ करेंगे । ये स्तंभ भारत में प्रसारण के इतिहास पर केंद्रित होगा । कैसे भारत में रेडियो का युग शुरू हुआ, आकाशवाणी की संकेत-धुन किसने बनाई । कौन कौन से महत्त्वपूर्ण केंद्र खुले । तमाम बातें इस स्तंभ के जरिए आप तक पहुंचेंगी । जैसा कि आपको बताया लिखवार होंगे कमल शर्मा और छापाकार होगा आपका ये
दोस्त ।
सोचा तो ये गया है कि कमल शर्मा का ये स्तंभ हर रविवार को आपके सामने पहुंचे ।
कमल जी की तैयारियां जारी हैं । प्रसारण के इतिहास को लेकर लगातार लिखना और शोध करना मशक्कत का काम है । रेडियोनामा को लगातार सार्थक और उपयोगी बनाने की दिशा में ये एक महत्त्वपूर्ण क़दम होगा ।
इस पोस्ट में दिया गया कैरिकेचर हमारे मित्र निर्मिष ठाकर ने बनाया है ।
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Thursday, July 24, 2008
भारत में प्रसारण के 81 वर्ष पूरे और रेडियोनामा का एक जरूरी ऐलान
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8 comments:
स्वागत है !
वाह बधाई, सभी रेडियो प्रेमियों को, कमल जी की इस श्रृखला का इन्तेज़ार रहेगा .....
सजीव सारथी
www.podcast.hindyugm.com
अच्छा है. अच्छी जानकारी मिला करेगी. मेरी जानकारी के हिसाब से रेडियो को आकाशवाणी शब्द सुमित्रा नंदन पंत जी ने दिया था. गलत भी हो सकता हूं मैं.
सूरज
मुझे ये जानकर ही हर्ष हो रहा है कि मेरे ( और मेरे जैसे लाखों करोड़ों श्रोताओं के ) प्रिय उदघोषक श्री कमल शर्मा जी अब हमारे बीच होंगे, हमारे साथी बनकर.
उस विशेष श्रृंखला का इंतजार है.
श्री युनूसजी,
श्री कमल शर्माजी विविध भारती के स्थाथियोँ में से मूझे सबसे पहेले आवाझसे तथा चहेरे से जानने वाले प्रथम व्यति है, इस लिये उनके इस ब्लोग पर भले सीधे नहीं पर मेहमान लेख़क ए रूपमें पढ़ कर मूझे स्वाभावीक रूपसे दोहरी ख़ुशी होगी ।
श्री कमल शर्माजी का सबके साथ मेरी और से भी स्वागत है ।
पिय़ुष महेता ।
सुरत-395001.
स्वागत है।
प्रतीक्षा रहेगा, ऎसे आयोजन के आरंभ होने का,
अद्वितीय !
Eagerly awaiting the weekly posts.
You are doing a great job.
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।