सबसे नए तीन पन्ने :

Saturday, July 5, 2008

रेडियोनामा: सुहाना सफ़र


रेडियोनामा: सुहाना सफ़र
श्री अन्नपूर्णणणाजी,
शंकर जयकिसन की जोडी को तो इस श्रंखला के शुरूआती दौरमें शामिल किया गया था और लम्बे अरसे तक बुधवार के दिन उनके गाने बजते रहे थे । पर उसमें भी बे गुनाह, बादशाह (एक आ नील गगन तले छोड़ ) बागी सिपाही जैसी १९६५ के पूर्व राज कपूर की फिल्मों को छोड़ उन्होंने जो बहोत ही मघूर संगीत दिया था, जो गाने रेडियो सिलोन पर समय समय पर आ भी प्रस्तूत होते है, नहीं प्रस्तूत हुए । तितली उडी गाना भी शंकर जयकिसनकी इस श्रंखलामें कभी बजा था । स्व. सी रामचंद, अनिल विश्वास, चित्रगुप्त सलिल चौघरी, स्व. हेमन्त कूमार, की श्रंखलाएं भी आनंद दायी रही । लगता है की आप जोब के कारण शुरूआती दौर चूक गयी है । बाकी आपने करीब हर रेडियो स्टेसन के करीब हर कार्यक्रम बारेमें बहोत ही अच्छे विवेचन इस ब्लोग पर प्रस्तूत किये है ।
आज स्वर्ण स्मृतिमें स्व. नूर जहाँजी के श्री अमीन सायानी साहब द्वारा किये गये साक्षात्कार की पहली किस्त सुना कि नहीं ?
http://www.rajasthanpatrika.com/magazines_new/bollywood_inner3.php

उपर दी हुई लिन्क पर पाठक श्री अमीन सायानी साहब का इन्टर्व्यू जो श्याम माथूरजीने लिया है, पढ़ सकते है ।
पियुष महेता ।
सुरत-३९५००१ ।

1 comment:

annapurna said...

धन्यवाद पीयूष जी, जानकारी के लिए

Post a Comment

आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।

अपनी राय दें