सबसे नए तीन पन्ने :

Saturday, July 5, 2008

सुहाना सफ़र

सुहाना सफ़र - फ़िल्मी संगीत का एक बेहतरीन कार्यक्रम जो विविध भारती से रोज़ दोपहर में बारह से एक बजे तक प्रसारित होता है।

हर दिन एक संगीतकार के गीत सुनवाए जाते है पर हर सोमवार को ऐसे संगीतकारों के गीत सुनवाए जाते है जिनके गीत बहुत कम है। यह कहा जाता है कि यह कम प्रचलित संगीतकारों के गीत है।

हम तो क्वानटिटी में नहीं क्वालिटी में विश्वास रखते है इसीलिए हमें सोमवार का कार्यक्रम कुछ ज्यादा ही अच्छा लगता है। कई ऐसे संगीतकार है जिनका नाम संगीतकार के रूप में कम प्रचलित है पर गीत ज़ोरदार है इसीलिए इस दिन कई अच्छे गीत सुनने को मिलते है जैसे -

चांद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा (संगीतकार राजकमल)
पंख होते तो उड़ आती रे (संगीतकार रामलाल)

इस तरह इस दिन ख़ास बात यह भी होती है नए पुराने सभी गीत एक ही घण्टे में सुनने को मिलते है जैसे किशोर कुमार का स्वरबद्ध किया फ़िल्म झुमरू का गीत जिसके साथ इक़बाक ख़ुरैशी और हुस्नलाल भगतराम के संगीत से संजोए गीत तो साथ में नए गीत भी। कुछ बहुत लोकप्रिय गीत सुनने को नहीं मिले या बहुत ही कम सुनवाए गए जैसे संगीतकार शारदा का खुद का गाया फ़िल्म सूरज का गीत -

तितली उड़ी उड़ जा चली
फूल ने कहा आजा मेरे पास
तितली कही मैं चली आकाश

आगे तीन दिन माहौल लगभग एक जैसा रहता है क्योंकि इन संगीतकारों के गीत एक निश्चित अवधि की फ़िल्मों में होने से लगभग समान ही है।

मंगलवार को अनु मलिक के नए गाने सुनने को मिलते है। इसके बाद बुधवार को आनन्द मिलिन्द के गाने जो अनु मलिक से थोड़ा पीछे का समय है जिनके पीछे के समय में है नदीम श्रवण जिनके गीत शुक्रवार को बजते है।

बीच में गुरूवार को लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल जिनके गीत पारसमणि से बाँबी तक है और उसके बाद भी।
ऐसे ही गीत है कल्याण जी आनन्द जी के जो शनिवार को सुनवाए जाते है जिसमें क़ुर्बानी का लैला मैं लैला गीत भी बजता है और दिलीप कुमार-सायरा बानो का गोपी फ़िल्म का गीत भी - जैंटिलमैन जैंटिलमैन जैंटिलमैन फिर रविवार को आर डी बर्मन के गीत जो नए गानों का आधार है।

यह क्रम बहुत अच्छा है और इस क्रम में गाने सुनना अच्छा लगता है। क्रम वैसे शुरू से ही अच्छा रहा। पहले पुराने संगीतकारों के गीत बजते थे जैसे सी रामचन्द्र शुक्रवार को ओ पी नय्यर। कुछ नाम छूट गए है जैसे शंकर जयकिशन जिसे शायद आगे शामिल किया जाए।

एक बात यहाँ भी खटकती है। इस कार्यक्रम के दौरान कहा जाता है कि यह स्वर्ण जयन्ती की सुरीली सौगात है। क्या इसका मतलब यह है कि स्वर्ण जयन्ती की समय सीमा की समाप्ति के बाद यह कार्यक्रम बन्द हो जाएगा ? अगर ऐसा है तो ठीक नहीं है और इसे जारी रखने का अनुरोध है।

3 comments:

यूनुस said...

जी हां
स्‍वर्ण जयंती महोत्‍सव के बाद इस सिलसिले के खत्म होने की संभावना है । :(

annapurna said...

oh ! NO !!

DJ Carl Hamm said...

WOW.. I just found your blog while I was researching Binaca Geetmala - I am a Radio host and dj in US and I play lots of Hindi film music. thanks so much for sharing this information!!
What an incredible photo of Pancham putting the needle down on a record! where did you find that photo? I would like to repost with credit to you on my blog with a link to your site? would you give me permission to do that? - now I need to ask my friends to translate your articles.. all the best to you. (will add a link to your site on my blog now)

Post a Comment

आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।

अपनी राय दें