तीन अक्तूबर क़रीब आ रहा है । आप सोच रहे होंगे कि दो अक्तूबर तो पता है, गांधी जी का जन्मदिन । लेकिन ये तीन अक्तूबर को क्या हुआ था । तीन अक्तूबर सन 1957 को विविध भारती की स्थापना हुई थी । इस साल विविध भारती सेवा अपने पचास साल पूरे कर रही है । भारतीय मीडिया के इतिहास में
विविध भारती ऐसा पहला मनोरंजन रेडियो चैनल है जो अपनी स्थापना के पचास साल पूरे कर रहा है । और ये एक अहम घटना है ।
विविध-भारती ने एक सुनहरा दौर देखा है रेडियो का । वो दौर जब सन 1967 से रेडियो पर विज्ञापन प्रसारण सेवा की शुरूआत हुई और फिर अमीन सायानी, ब्रज जी, मनोहर महाजन जैसे अनेक रेडियो प्रस्तुतकर्ताओं ने अपने प्रायोजित कार्यक्रम तैयार किये । बिनाका गीत माला, एस कुमार्स का फिल्मी मुक़दमा, सेरीडॉन के साथी, बॉर्नवीटा क्विज़ कॉन्टेस्ट, इंसपेक्टर ईगल जैसे अनगिनत प्रायोजित कार्यक्रम ऐसे रहे हैं जिन्होंने जनता के दिलों पर राज किया । आज जैसी उत्सुकता धारावाहिकों को लेकर होती है वैसी ही उत्सुकता एक ज़माने में रेडियो कार्यक्रमों को लेकर होती थी । और रेडियो के एनाउंसर किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं थे । मुझे याद है हमारे घर में भी रेडियो पूरे दिन चलता था और जैसे अवचेतन मन में वहीं से रेडियो के संस्कार बन गये ।
आज मैं यहां रेडियो की अपनी यादें नहीं बांट रहा हूं । बल्कि आप सबका आह्वान कर रहा हूं ।
आईये विविध भारती की स्वर्ण जयंती पर बांटें अपनी यादें । विविध भारती की आपकी जिंदगी में क्या जगह थी, या क्या जगह है । जिंदगी के वो कौन से सुनहरे लम्हे थे जो आपने अपने इस प्रिय रेडियो चैनल के साथ गुज़ारे । हवामहल, छायागीत, मनचाहे गीत, जयमाला, लोक संगीत जैसे पुराने या फिर हैलो फरमाईश, मंथन, सखी सहेली, सुहाना सफर या उजाले उनकी यादों के जैसे नये कार्यक्रमों से जुड़ी आपकी कोई तो यादें होंगी । कोई ऐसा गीत जो तब बजा तो यूं लगा जैसे आपके लिए बज रहा है । कोई ऐसी बात जो रेडियो से कही गयी तो सीधे आपके दिल में उतर गयी । जिंदगी के बेहद व्यस्त दिनों में भी विविध भारती की आवाज़ ने आपको सुकून का अहसास दिया होगा । आईये इन सभी यादों का एक गुलदस्ता सजाएं । और विविध भारती की स्वर्ण जयंती मनाएं ।
तो देर किस बात की है । अगर आप रेडियोनामा के सदस्य हैं तो तुंरत अपनी बात लिख दीजिए । अगर रेडियोनामा के सदस्य नहीं हैं तो कोई बात नहीं ।
आप इस ईमेल पते पर अपना आलेख भेज सकते हैं ।
radionama@gmail.com
ध्यान रहे, जहां तक मुमकिन हो आपको हिंदी में लिखना है ।
अगर हिंदी में लिखने में असुविधा है तो आप अंग्रेजी में लिख भेजिए । हम उसे रूपांतरित कर लेंगे ।
आईये विविध भारती की स्वर्ण जयंती मनाएं । सबको बताएं 3 अक्तूबर 2007 को विविध भारती अपने पचास साल पूरे कर रही है ।
ऊपर है विविध भारती के संस्थापक सदस्य पंडित नरेंद्र शर्मा की तस्वीर ।
दूसरी तस्वीर में अभिनेत्री नरगिस फौजी भाईयों के लिए जयमाला प्रस्तुत करते हुए । अखबार 'हिंदू' से साभार ।
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10 comments:
यूनुस भाई बधाई ... विविद भारती यक़ीनन हमारे अवचेतन मन का हिस्सा है, और मेरे लिए बहुत ख़ास .... मैं अपनी यादें आपके साथ जरुर शेयर करुंगा, वैसे मैं आपके निमंत्रण का भी इंतज़ार कर रह हूँ
विविध भारती पचास साल पूरे कर रहा है ये जानकार बहुत ख़ुशी हो रही है। और इसका श्रेय इसमे काम करने वाले सभी लोगों को जाता है।
क्या इस कलाकार का भी नाम आप बता सकते है जिसकी तस्वीर बीच में है।
जी नहीं ये तो यहां वहां से जुगाड़ी गयी तस्वीर है । हो सकता है दक्षिण की कोई गायिका हो ।
क्या आपको पहचान में आ रही है ।
जी नहीं ये तो यहां वहां से जुगाड़ी गयी तस्वीर है । हो सकता है दक्षिण की कोई गायिका हो ।
क्या आपको पहचान में आ रही है ।
जी नहीं ये तो यहां वहां से जुगाड़ी गयी तस्वीर है । हो सकता है दक्षिण की कोई गायिका हो ।
क्या आपको पहचान में आ रही है ।
पंदित नरेन्द्र शर्माजी द्वारा बोया गया दो शाखाओ वाला पौधा आज ४० शाखाओ वाला ५० साल का वटवृक्ष बनने वाला है, इस घटना के लिये जो लोग सेवा-निवृत हो चूके थे या है और जो आज भी कार्यरत है, सभी बधाई के हकदार है ।
पियुष महेता
सुरत-३९५००१.
बधाई यूनुस जी। विविध भारती से मेरी एक हफ्ते मात्र की यादें हैं, कभी इस बारे में बताऊंगा।
विविध भारती से जुड़े लोगों को इस शुभअवसर के लिए हार्दिक बधाई।
मुझे तो ये फ़िल्म अभिनेत्री माला सिन्हा लगती है.
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