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Tuesday, January 22, 2008

निर्बल से लड़ाई बलवान की .....

निर्बल से लड़ाई बलवान की ये कहानी है दिए कीऔर तूफ़ान की नौ बजे उजाले उनकी जिंदगी के नाम का कार्यक्रम रहा थाजिसमे फिल्म अभिनेत्री नंदा से कमल शर्मा जी बात कर रहे थेवैसे पहले तो शायद ये कार्यक्रम नही आता था क्यूंकि अस्सी और नब्बे के दशक मे तो हम रेडियो सुनते ही थे पर जहाँ तक हमे याद पड़ता है दिल्ली या इलाहाबाद मे हमने कभी भी ये कार्यक्रम नही सुना था

नंदा की बातचीत तो अच्छी लगी साथ ही बहुत ही पुराना गाना भी सुनने को मिलापहले तो खैर रेडियो पर ये गाना सुनते ही थे पर आज यू टियुब की बदौलत इसे इतने सालों बाद देख भी रहे है



और रेडियो पर इस गाने को सुनकर कहीं से भी नही लगा की ये कोई पुराना गाना हैएक-एक शब्द बहुत ही अर्थपूर्णआज के संगीतकार और गीतकार ना तो ऐसा गाना लिखते है और ना ही बनाते हैफिल्म मे तो ये गाना एक बच्चे पर फिल्माया गया है पर आज की भागती दौड़ती जिंदगी मे भी ये गाना बिल्कुल फिट बैठता है कि किस तरह मनुष्य जीवन मे संघर्ष करता रहता है

5 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

ममता जी,

शायद मै टिप्‍प्‍णी न करता किन्‍तु गीतों के इतिहास का मेरा सबसे प्रिय गाना ला कर आपने सुनाया बधाई।

किस हद तक मै आपकी प्रशंसा करूँ मै कह नही सकता, ब्‍लाग पर वापसी पर आपको एक पोस्‍ट समर्पित करने का वादा कर रहा हूँ।


प्रमेन्‍द्र

Dr Parveen Chopra said...

well done, Mamtaji.

annapurna said...

ममता जी ये मेरे पसंदीदा गीतों में से एक है।

सिर्फ़ यह एक गीत ही नहीं प्रदीप के सभी गीत ऐसे है जो समय के किसी भी दौर में उचित लगते है।

Arun Arora said...

धन्यवाद जी आपका बहुत बहुत इस गाने को दिखाने का मै तो सुनने के लिये ही कब से ढूढ रहा था

mamta said...

गाने की तारीफ करने का शुक्रिया ।
पर ये गाना तीन पार्ट मे था और हमने यहां सिर्फ एक ही पार्ट लगाया था। बाक़ी आप चाहें तो यू टियुब पर देख सकते है।

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