रेडियोनामा पर मैंने चित्र-पहेली पूछी थी और फिर अचानक ग़ायब हो गया । दरअसल इस पहेली का जवाब ज़रा आराम से और थोड़े दिलचस्प तरीक़े से देने की इच्छा है । कल सबेरे तक प्रतीक्षा कीजिए ।
पर फिलहाल एक ज़रूरी बात बताने के लिए मैं यहां आया हूं ।
अकसर श्रोताओं को शिकायत होती है कि रेडियो के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों की ख़बर ज़रा पहले से दे दी जाए तो अच्छा रहता है । सबकी अपनी अपनी व्यस्तताएं होती हैं । और ऐसे में जो प्रोग्राम छूट जाता है उसे लेकर मन में अफसोस रह जाता है । तो आईये आज के एक अहम कार्यक्रम के बारे में आपको बता दिया जाए ।
आज आप विविध भारती पर गुज़रे दौर की महत्त्वपूर्ण गायिका सुधा मल्होत्रा से रेडियो-सखी ममता सिंह की बातचीत सुन सकते हैं । समय है शाम चार बजे । कार्यक्रम है पिटारा के अंतर्गत सरगम के सितारे ।
सुधा मल्होत्रा से ये बातचीत इस हफ्ते और उसके बाद अगले हफ्ते भी जारी रहेगी । यानी एक एक घंटे के दो कार्यक्रम होंगे । इस कार्यक्रम में सुधा जी ने बड़े प्रेम से अपने कैरियर और अपने समकालीनों की चर्चा की है । तो ज़रूर सुनिएगा सुधा मल्होत्रा का ये कार्यक्रम । फिलहाल सुधा जी के इस गाने के साथ मैं आपसे विदा लेता हूं ।
इस गाने की विवरण नहीं बताऊंगा । शायद आपको याद आ जायें । नहीं आये तो पूछ लीजिएगा ।
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और अन्नपूर्णा जी ये भजन आपके लिए---
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4 comments:
Shukriyaa Yunus jii !
Bhajan bahut pasand aaya.
Shukriyaa Yunus jii !
Bhajan bahut pasand aaya.
आज सुधा मल्होत्रा जी का interview सुना. सचमुच हम गायक - गायिकाओं को उनकी आवाज़ से ही पहचान सकते हैं. पर यहाँ तो ऎसी बात थी कि उनके कुछ गाने तो हमने सुने ही थे पर नाम नहीं जानता था. ११ साल की उम्र मी ही गाया उनका वो गाना जो आपने यहाँ डाला है सचमुच प्रशंसनीय है.
श्री युनूसजी,
सुधा मल्होतराजीसे रेडियो सखी ममताजीका गीतों भरा साक्षात्कार मेरे संग्रहमें आ गया ।
करीब ७ या ८ साल पहेले श्री अहमद वशीने भी उनका इन्टर्व्यू किया था ।
मेरे द्वारा जारी संगीत पहेली क्रमांक १ को पाठकोने लगता है नज़रंदाझ किया है । इरफानभाई भी कहाँ छिप गये ?
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