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Thursday, November 29, 2007

श्री अमीन साहानी आकाशवाणी से जान. २००८ से नियमीत साप्ताहिक कार्यक्रममें

सभी पाठको को एक रस दायक समाचार है, कि हम सब के सबसे चहिते रेडियो प्रसारक श्री अमीन सायानी साहब अपना कार्यक्रम शायद (नाम के लिये ही शायद, कार्यक्रम आना तय ही है), कोलगेट संगीत सितारों की महेफि़ल नाम से जान्यूआरी, २००८ से हप्तेमें एक बार पूरे एक घंटे का प्रस्तूत करने वाले है, पर यह कार्यक्रम मुम्बई, दिल्ही, और कोलकटा से नहीं आयेगा और ज्यादा तर प्राईमरी केन्दो से रात्री १० से ११ और १० विविध भारती केन्द्रो (सुरत सहित)से रात्री ९ से १० बजे तक आयेगा । यह सुचना उन्होनें मुझे फोन करके दी है । उसमें काफी पूराने गायको गीतकारों और संगीतकारों की उन्के द्वारा ली गयी मुलाकातो का संकलन आयेगा ।

पियुष महेता

अमीन_सायानी

9 comments:

अमिताभ मीत said...

मस्त हो गया हूँ ख़बर पढ़कर... रेडियोनामा से जुड़ता जा रहा हूँ .. क्या करूँ ??

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आदरणीय श्री पियुष भाई,
ये बडी अच्छी खुश खबर दी आपने.आपकी अमीन अँकल से बात हो तो मेरे भी नमस्ते उनको पहुँचा दीजियेगा.
श्री हर्षद जाँगलाजी व सागर नाहर भाइस्सा और श्री हरीश रघुवँशी से आपकी बातचीत होती रहती है सुनकर खुशी हुई
सादर, स -स्नेह,
-- लावण्या.

manglam said...

दिल हरषाने वाली अमृतमयी सूचना के लिए पीयूषजी बधाई के पात्र हैं, इंतजार है शिद्दत से अमीन शयानी की आवाज सुनने का।

Anonymous said...

अब आयेगा मज़ा।

Harshad Jangla said...

Nice news. Is it possible to listen to Vividh Bharti in USA?Even recorded version will be ok.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA

अजित वडनेरकर said...

बहुत अच्छी खबर । धन्यवाद ..

Rajendra said...

Thanks for the great news. Why can't Vividh Bharti cash in on this. There is complete lack of enthusiasm among those officially entrusted the task of managing the public sector media. Any private sector media can make a hill out of nothing but public sector cant do justice to its real things. That was what precisely happened recently when VB celebrated its golden jubillee. We expected a big bang and hype for the event from Akashvani. But unfortunately the celebrations just went largely unnoticed because they were not properly publicised.

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

सभी पाठको को धन्यवाद । पर आकाशवाणी का कार्यक्रम का स्ट्रक्चर कुछ ऐसा है, कि पूरा एक घंटा राष्ट्रीय नेटवर्क पर जूटा पाना उनके आकाशवाणी के लिये भी बहोत मुश्कील पड रहा है । विविध भारती का स्ट्रक्चर नेटवर्क कार्यक्रम करीब ७०% से ८०% तक है और २०% से ३०% तक के लोकल वेरियेशन निती के अनुसार स्थानिय कार्यक्रम होते है । उसमें ५ ५ मिनिट के समाचार कहीं कहीं स्थानिय समाचार । प्राईमरी चेनल पर क्षेत्रीय तथा क्षेत्रीय भाषा के राष्ट्रीय समाचार जो हर क्षेत्र के लिये अलग अलग समय पर होते है, और राष्ट्रीय हिन्दी और अन्ग्रेजी समाचार बुलेटीन्स । रात्री के करन्ट एफेर कार्यक्रम, संसद समाचार, संगीत के अखिल भारतीय कार्यक्रम । यह सब मिलाकर कोई भी चेनल पर एक घंटा जूटा पाना आकाशवाणी महानिर्देषालय के लिये कुछ हद तक नामूमकीन बन गया है, चाहे वे खुद भी कितना ऐसा कार्यक्रम का प्रसारण हो ऐसी इच्छा रखते हो । आशा है मेरी बात से आप लोग सम्मत होगे । मेरी भी आप जैसी ही इच्छा है पर उपर लिखा सब सोचके मन मना लेते है । और मुम्बई दिल्ही और कोलकटा इस बार इस लिये शामिल नहीं है कि वहाँ ९३.५ रेड एफ. एम. पर यह शुंखला प्रसारित हो चुकी है और हप्ते के सातों दिन होने के कारण उन सभी किस्तों का पुन: प्रसारण भी होता था । उसमें से कुछ गिनी चुनी संख्यामें मैं सुरतमें सिग्नल्स की शक्ति के आधार पर आधे अधूरे सुने थे । और अमीन सयानी साहबसे मुझे उनकी पुर्व सुचना बल्क मेईल अन्तर्गत प्राप्त होती थी । एक खास बात यह होती थी कि कोलगेट सिबाका गीतलाला, (जो शुरूमें ज्यादातर स्थानिय सीबीएस विविध भारती केन्द्रोसे आती थी और बादमें एक अन्तराल ले कर केन्द्रीय विविध भारती सेवासे शुरू हुई थी और इस बातका सुझाव मेरा ही था), की शुंखला का समय उस समय से टकराता था ।
पियुष महेता ।

PIYUSH MEHTA-SURAT said...

શ્રી હર્ષદભાઈ,
તમારી ઇચ્છા સમજાય તેવી છે, પણ તમારે માટે દુ:ખની વાત છે, કે આ કાર્યક્રમ વિવિધ ભારતીનાં રાષ્ટ્રીય પ્રસારણમાં નથી, પણ કોઈ પણ પ્રાદેશીક ( રાજ્યનાં મુખ્ય રાજધાનીનાં (અમદાવાદ, હૈદ્રાબાદ, ભોપાળ, ચેન્નાઈ જેવા) સ્ટેશન પર થી આ કાર્યક્રમમાં આવશે તો આકાશવાણીની ડી. ટી. એચ. ઉપગ્રહ પ્રસારણ સેવા, જે બિલકુલ લવાજમ પાત્ર નથી , તેનાં દ્વારા સેટટોપ બોક્ષ અને ટી. વી. કે એમ્લ્પીફાયર વડે અમેરિકામાં સાંભળી શકાશે.
તમને યોગ્ય લાગે તો આ માહિતી આ અથવા બીજા બ્લોગ પર અંગ્રેજીમાં ફરી લખશો.
પિયુષ મહેતા.

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