अभी देश के कुछ राज्यों में चुनाव हुए। इससे पहले देश में बजट की धूम थी। ऐसा अक्सर होता है कि कुछ न कुछ मुद्दा देश में छाया रहता है और हम चाहते है कि हमें पल-पल की ख़बर मिलती रहे।
टेलीविजन चैनलों ने इसकी पूरी व्यवस्था की। हर पल के समाचार हमें मिलते है। यहाँ तक कि अगर दूसरे समाचार चल रहे हो तब भी सभी समाचारों की शीर्ष पंक्तियाँ पटल पर पढी जा सकती है।
यही हाल इंटरनेट का भी है। वेबसाइटों को रिफ्रेश करते जाइए और समाचार जानते जाइए। पर आकाशवाणी तो आकाशवाणी है…
अख़बारों के बाद रेडियो समाचारों का ही तो स्थान रहा है समाचार जगत में। फिर अख़बार ठहरा प्रिंट मीडिया और आकाशवाणी इलेक्ट्रानिक तो आकाशवाणी को तो अख़बार से भी आगे निकलना है न…
सो आकाशवाणी ने कर दिखाया। हाँ कुछ समय अवश्य लगा। पर आज आकाशवाणी के समाचार ही हर पल हमारे साथ होते है। फोन पर जो समाचार मिल जाते है और आज के दौर में फोन तो हर पल हर जगह हमारे हाथ में होता है। चाहे अपने काम में व्यस्त हो चाहे यात्रा पर हो।
पहले तो आकाशवाणी ने राष्ट्रीय समाचारों के लिए यह सुविधा दी। बस नंबर डायल कीजिए और हिन्दी या अंग्रेज़ी में सुनिए समाचारों की सुर्ख़िया। पर अब तो क्षेत्रीय समाचार भी फोन पर सुने जा सकते है। रेडियो के हर बड़े बुलेटिन में फोन नंबर बताया जाता है।
तो बस देर किस बात कि आप जहाँ कहीं भी हो हिन्दी या अंग्रेज़ी में राष्ट्रीय समाचार या क्षेत्रीय समाचारों की सुर्ख़ियां क्षेत्रीय भाषा में सुनना चाहते हो नंबर डायल करें और सुन लें।
ऐसी सुविधा और कहीं नहीं क्योंकि फोन ही आपके हाथ में हो सकता है छोटे से छोटा टेलीविजन या कंप्यूटर नहीं।
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