आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है तो क्यो न इस चिट्ठे पर आज महिलाओं के कार्यक्रमों की चर्चा की जाए।
ऐसे कार्यक्रमों में पहला नाम जो मैनें जाना वो है कार्यक्रम बहनों की पसंद जो रोज रेडियो सीलोन से दोपहर बारह बजे से आधे घंटे के लिए प्रसारित होता था। इसमें बहनों की पसंद के फरमाइशी फिल्मी गीत बजाए जाते थे। रविवार को यह प्रसारण नहीं होता था। हर गाने की फरमाइश करने वालों की सूची लम्बी होती। कभी-कभार फरमाइश भेजने के लिए पता भी बताया जाता और साथ ही कहा जाता की केवल महिलाएं ही अपनी फरमाइश भेजें। इस कार्यक्रम को अक्सर विजयलक्ष्मी मेनन और शशि मेनन प्रस्तुत करते।
जब भी स्कूल बंद होते हम ये कार्यक्रम सुन लेते थे। इसके अलावा एक और कार्यक्रम सुना करते जो हैदराबाद केन्द्र से प्रसारित होता। मंगलवार को ढाई बजे से प्रसारित होता था। हमें ठीक से याद नहीं की इसमें क्या - क्या प्रसारित होता क्योकि हम तो सिर्फ़ ढोलक के गीत ही सुनते।
महीने में एक-दो मंगल को ही ढोलक के गीत बजते पर मई के महीने में जब शादियों का मौसम होता तो लगभग हर मंगल कम से कम एक गीत जरूर बजता और इस महीने स्कूल भी बंद होते।
जब आकाशवाणी हैदराबाद केन्द्र में पहली बार कदम रखा तभी जाना महिलाओं से संबंधित दो कार्यक्रमों को - महिला संसार जो मंगल को और खवातीन के लिए नाम से उर्दू कार्यक्रम रविवार को। दोनों ही का प्रसारण दोपहर ढाई बजे से आधे घंटे के लिए होता।
यह दोनों ही कार्यक्रम सम्पूर्ण पत्रिका कार्यक्रम रहे। इनमें रसोई में विभिन्न पकवान बनाया बताया जाता तो लेखिकाए और कवित्रिया अपनी रचनाए भी पढ़ कर सुनाती। विभिन्न मुद्दों पर वार्ताए होती परिचर्चा होती। यहाँ तक की रूपक भी होते।
कभी-कभार महिला संगठन भी वेरायटी कार्यक्रम प्रस्तुत करते। कुछ अलग समय पर कभी कभी मराठी और कन्नड़ में भी कार्यक्रम होते।
मैनें भी महिला संसार में कई कार्यक्रम किए जैसे कविता, कहानी, पकवान, वार्ता, परिचर्चा, रूपक और दो धारावाहिक भी किए जिनमें एक में भाग लिया और दूसरे का लेखन भी किया।
इन्ही दिनों यहाँ एक कार्यक्रम की चर्चा सुनी - ग्रहलक्ष्मी । मुझे याद नहीं आ रहा यह कार्यक्रम किस क्षेत्रीय केन्द्र का है। मैनें सुना की यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए सम्पूर्ण कार्यक्रम है। परम्पराओं से लेकर आधुनिकता तक सब इसमें समाया है। साहित्य और कला की सभी विधाओं पर कार्यक्रम होते है। अब भी यह प्रसारित हो रहा है या नही यह तो मुझे अब पता नही।
आजकल जोर-शोर से चलने वाला महिलाओं का कार्यक्रम है विविध भारती का सखी-सहेली। महिलाओं को करियर के लिए दिशा बताई जाती है। सफल महिलाओं के किस्से बताये जाते है। रसोई और खूबसूरती के नुस्खे बताए जाते है।
सबसे बड़ी बात है महिलाओं से सीधे फोन पर बात हैलो सहेली कार्यक्रम में हर शुक्रवार को। इसमे देश के कोने-कोने की महिलाओं का परिचय मिलता है। जहाँ तक मेरी जानकारी है यह पहली बार हुआ है रेडियो पर महिलाओं की सीधी बातचीत। इसके लिए बधाई विविध भारती को और खासकर कमलेश (पाठक) जी को।
इस अवसर पर सभी छोटी सखियों को ढेर सारा प्यार और सभी बड़ी बुजुर्ग सहेलियों के अच्छे स्वास्थ्य और शांति पूर्ण जीवन की हम कामना करते है और सभी सखियों-सहेलियों के तनाव रहित मंगलमय जीवन के लिए ढेर सारी शुभकामनाए !
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Saturday, March 8, 2008
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3 comments:
अन्नपूरणा जी बहुत ही बड़िया पोस्ट, आप को भी मुबारक हो ये महिला दिवस
विश्वमहिला दिवस पर शुभकामनायें..
अनिता जी, उड़न तशतरी जी धन्यवाद !
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आपकी टिप्पणी के लिये धन्यवाद।