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Monday, March 3, 2008

विविध भारती की जुबिली झंकार.....

दोस्तो,
आज फ़िर महीने की 3 तारीख है और हमारी आपकी प्यारी  विविध आज 50 साल और छः महीने की हो गयी है. जी हाँ, आज है विविध भारती के स्वर्ण जयंती आयोजन का छठा अंक. आज भी हमेशा की तरह सुनिए  दोपहर बारह बजे से शाम साढ़े पाँच  तक  एक विशेष  आयोजन "जुबिली झंकार".


हमारे यूनुस भाई अपनी तरंग में आपसे मुखातिब हो रहे हैं जैसलमेर और जोधपुर के बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल अर्थात BSF के जवानों के साथ बिताए अपने अनुभवों के साथ तो आज हम उन सारी यात्राओं को अपने मॉनीटर पर देखने की बजाये सुन सकते हैं.


जी हाँ, इस बार जुबिली झंकार के नायक होंगे हमारे BSF के जवान. साथ साथ और भी कई आयोजन जिसकी एक छोटी सी रूपरेखा मैं आपको बता दे रहा हूँ.

 

दोपहर दिन में 12 बजे से 12:10 बजे तक हमारी रेडियो सखी ममता सिंह गोलडन जुबली कार्यक्रम जुबली झंकार की रूपरेखा प्रस्तुत करेंगी.

पुनः 12-10 से 12-30 बजे तक  अशोक सोनावणे प्रस्तु करेंगे सीमा सुरक्षा बल अर्थात  बी एस एफ की कार्यप्रणाली पर एक विशेष फीचर.

फ़िर 12-30 से 1-30 तक  प्रसिद्ध  ब्रॉडकास्टर  अमीन सायानी के साथ विविध भारती के सारे प्रायोजित कार्यक्रमों की कहानी सुनिए उन्हीं की जुबानी .  प्रस्‍तुति होगी लोकेंद्र शर्मा की.

दिन में 1-30 से 2-30 बजे तक रोज की तरह होगी पसंदीदा गीतों की फरमाइश, पर ज़रा रुकिए आज तो कुछ ख़ास है ना तो सुनिए यूनुस खान के साथ भारत पाकिस्‍तान सीमा पर तैनात फौजियों के मनपसंद गीत. यूनुस का साथ दे रहे हैं  ममता जी, कमल शर्मा जी और अशोक सोनावणे।

फ़िर 2-30 बजे कमल शर्मा साहब के साथ सुनिए राजस्‍थान में सिनेमा पर विशेष फीचर.
इसके बाद तीन बजे समय होता है "सखी सहेली " का, है न. तो आज हमारी सखियाँ सहेलियां चलेंगी उन परिवारों के बीच जिनके लाडले, जिनके घर के चिराग, जिनकी कलाइयों के धागे हमारी सीमा की सुरक्षा में दिनरात लगे हुए हैं. तो सुनिए दिन में 3 बजे रेडियो सखी ममता सिंह के साथ बी एस एफ के फौजियों के परिवारों के बीच विशेष "सखी सहेली".

दिन में साढ़े तीन बजे बी एस एफ के फौजियों के साथ यूथ एक्‍सप्रेस, देखिये हमारे जवान क्या धमाल कर रहे हैं.

रामगढ़ जैसलमेर में फौजयों के बीच संगीत संध्‍या का आयोजन किया गया था तो सुनिए चार बजे उसी संगीत संध्या के संपादित अंश.

पाँच बजे एक छोटा सा अंतराल होगा समाचारों के लिए पर उसके तुरंत बाद पांच बजकर पांच मिनट पर  विविध भारती के उदघोषक जोधपुर के श्रोताओं के आमने सामने रहेंगे, उनसे आत्मीयता बनाते. कुछ उनकी सुनते कुछ अपनी कहते.


तो दोस्तो, ध्वनि तरंगों की ताल पर आप बने रहिये विविध भारती के साथ और सुनिए.... " जुबिली झंकार" .

4 comments:

डॉ. अजीत कुमार said...

मैं रवि रतलामी जी का और ममता जी का शुक्रिया अदा करना चाह रहा हूँ उनकी महत्वपूर्ण टिप्पणियों के लिए जो मेरी ही एक ग़लती से डिलीट हो गए. मैं इसके लिए दोनों महानुभावों का क्षमाप्रार्थी हूँ.

Radionama said...

अजीत भाई ये रही ममता जी की टिप्पणी
"अच्छा याद दिलाया अब हम जा रहे है सुनने।
पता नही और किसी को दिक्कत आती है या नही पर आजकल हमे टिप्पणी करने मे मुश्किल हो रही है।"
रवि रतलामी की टिप्पणी--
"याद दिलाने का शुक्रिया. ये कार्यक्रम भी जाहिर है, लाजवाब होगा."

Radionama said...

अजीत भाई ये रही ममता जी की टिप्प णी अच्छा याद दिलाया अब हम जा रहे है सुनने।

पता नही और किसी को दिक्कत आती है या नही पर आजकल हमे टिप्पणी करने मे मुश्किल हो रही है।
रवि रतलामी की टिप्पदणी
याद दिलाने का शुक्रिया. ये कार्यक्रम भी जाहिर है, लाजवाब होगा.

sanjay patel said...

मेरी कार्यस्थली पर आज पूरे दिन विविध भारती छाया रहा. अमीन सायानी साहब,ब्रजेन्द्रमोहन,शीलकुमार,पं.नरेन्द्र शर्मा,पं.विनोद शर्मा,टुनटुनजी ले लेकर शाम तक
डॉ.रोशन भारती तक ज्युबली झंकार की गूँज दफ़्तर में बनी रही....रोशन भाई से तो शाम को बात भी हुई....कमल भाई ने जब सीमा सुरक्षा बल का गीत एनाउंस कर रूखसत होने का संकेत दिया तो लगा हाय ! ये प्रसारण थोड़ा और लम्बा हो जाता. हो सके तो एक प्रसारण ऐसा भी हो जिसमें दिन भर विविध भारती के ख़ज़ाने से हास्य रचनाओं,नाटिकाओं का प्रसारण होता रहे....विविध भारती के पास हँसी का जो ओरिजनल ख़ज़ाना है वह शायद टीवी के पास भी नहीं और लॉफ़्टर चैलेंज के कलाकारों के पास भी नहीं....कुल मिला कर एक यादगार प्रसारण ने कानों को सुकून दिया...मेरा बेटा आज अपना पहला पर्चा देकर लौटा तब टुनटुन जी के ठहाके गूँज रहे थे..कहने लगा डैडी विविध भारती इन प्रोग्रामों का पुर्नप्रसारण ही करता रहे तो सारे नये ज़माने के और मेरी (बेटे की) उम्र के नये श्रोताओं को फ़िर से जोड़ा जा सकता है विविध भारती से.इंशाअल्ला.

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